जीवन भर तो काम किया
जीवन भर तो काम किया अब करना है आराम।
बाकी जीवन कट जाएगा जप कर श्री प्रभु का नाम।।
ईश्वर से विनती है यही प्रभु रखना मुझको स्वस्थ।
धन कमा कर अब क्या करूंगा पड़ी रहेगी व्यर्थ।।
धन ज्यादा बढ़ जायेगा बिगड़ जाए चरित्र।
धर्म कर्म ना हो सकें तन मन ना रहे पवित्र।।
मुझको छोटा रखना भगवान, मुझे नहीं बनना धनवान।
मानवता का होगा विनाश मैं भी ना रह पाऊं इन्सान।
विद्या शंकर अवस्थी पथिक कानपुर
ऋषभ दिव्येन्द्र
24-Apr-2023 10:37 PM
बहुत खूब
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